5 TIPS ABOUT प्राचीन भारत का इतिहास YOU CAN USE TODAY

5 Tips about प्राचीन भारत का इतिहास You Can Use Today

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अमीर खुसरो मध्यकालीन भारत के बहुत बड़े विद्वान थे। उनका पूरा नाम अबुल हसन यामिन उद्-दीन खुसरो था। वह छह सुल्तानों के दरबार में रहे थे। उसने बलबन से लेकर मुहम्मद तुगलक तक का इतिहास लिखा है। उसने युद्ध में भी भाग लिया था। उसके ग्रंथ ऐतिहासिक दृष्टि से अमूल्य हैं, जो इस प्रकार हैं- किरानुस्सादेन[संपादित करें]

हर्यंका कुल सिसुंगा वंश का बिंबिसार – कालसोक – मगध साम्राज्य (काकावर्णिन)

आर्यों का समाज चार भागों या जातियों में बँटा हुआ था-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र। पिता परिवार का स्वामी होता था। इनकी सभ्यता ग्रामीण थी। ये लोग अच्छे उद्योगी थे और लोहा, तांबा व सोने का उपयोग करते थे। आर्य लोग मुख्यतः प्राकृतिक देवताओं वरुण, इन्द्र, सूर्य आदि की उपासना करते थे।

ईस्ट इंडिया कंपनी · पलासी · १८५७ स्वतंत्रता संग्राम · ब्रिटिश राज · रेलवे · अर्थ-व्यवस्था · सेना · ज़मीनदारी  · सामाजिक बदलाव · राजनीतिक सधार · भारतीय रजवाड़े · बंगाल का विभाजन · स्वतंत्रता संग्राम · १९४३ दुर्भिक्ष · द्वितीय विश्व युद्ध  · विभाजन

तारीख-ए-मुहम्मदी (मुहम्मद बिहामद खानी)

लॉर्ड कर्जन ने वायसराय check here के रूप में कार्य किया

मुण्डक उपनिषद् से – सत्यमेव जयते लिया गया है। बृहदारण्यक उपनिषद् से – ब्राह्मणों के बारे में जानकारी मिलाती है। जवालो उपनिषद् से – चार आश्रमों (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास) की जानकारी मिलती है। महाकाव्य

पू. बताई जाती है। नगर सुनियोजित तरीके से बसाये गये थे। मकान पक्की ईंटों के बने थे।

वास्तव में, अमीर खुसरो भारतीय परंपरा और परिवेश से बहुत प्रभावित था और उसने इस्लामी परंपराओं को भारतीय विरासत के अंदर समाहित करने का प्रयास किया। उसने दो विभिन्न संस्कृतियों, दो विभिन्न धार्मिक विश्वासों और परंपराओं में परस्पर सौहार्द, प्रेम और सामंजस्य का वातावरण तैयार करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। भारतीय गायन में क़व्वाली और वाद्ययंत्र सितार को खुसरो की देन माना जाता है। उन्होंने पखावज को दो भागों में विभाजित करके तबले का भी अविष्कार किया। अबुल फजल के अनुसार खुसरो ने ही कौल और तराना का आविष्कार किया था। खुसरो ने अपने संगीत को ‘संगीत-ए-निंगारी’ के रूप में वर्णित किया है। ईरान के फारसी कवि अर्फी तथा शिराज़ी ने खुसरो को ‘तूती-ए-हिन्द’ के नाम से संबोधित किया है।

चुनाव · मानवाधिकार · राष्ट्रवाद · राजनीतिक पार्टियां (कांग्रेस · भाजपा · बसपा · सीपीआई · सीपीआईएम · एनसीपी) · आरक्षण · घोटाले · अनुसूचित समूह · धर्म-निरपेक्षवाद

चौसा में शेर खान द्वारा हुमायूँ की हार

यूपीएससी समाजशास्त्र वैकल्पिक सिलेबस

यह पुस्तक शूद्रों के इतिहास और भारतीय समाज में उनकी स्थिति पर केंद्रित है। लेखक, भीमराव अम्बेडकर, शास्त्रीय ग्रंथों, पुरातात्विक साक्ष्यों और मौखिक परंपराओं सहित विभिन्न स्रोतों का उपयोग करके शूद्रों के जीवन और अनुभवों का चित्रण करते हैं।

भील - भील देश की सबसे विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है , यह जनजाति मुख्यरूप से राजस्थान , मध्यप्रदेश , गुजरात और महाराष्ट्र में निवास करती है , इस जनजाति का इतिहास बेहद ही गौरवशाली रहा है , यह जनजाति प्राचीन समय में एक कबीले में ना रह कर , देश के कई क्षेत्रों पर शासन किया । भील जनजाति देश में भील रेजिमेंट और भील प्रदेश चाहती है।

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